गर्भावधि मधुमेह: कारण, लक्षण, जोखिम कारक, निदान और उपचार – डॉ. त्रिप्ती शर्मा का विवरण
गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) एक प्रकार का मधुमेह है जो गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है। यह स्थिति तब होती है जब गर्भावस्था के हार्मोन शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को कम कर देते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन रेज़िस्टेंस बढ़ता है और रक्त शर्करा (Blood sugar) का स्तर बढ़ जाता है।। गर्भावधि मधुमेह के कारण हार्मोनल परिवर्तन, अधिक वजन (Obesity), पीसीओएस (PCOS), पूर्व गर्भावस्था में डायबिटीज़ का इतिहास और आनुवंशिक कारण हो सकते हैं। इसके जोखिम कारक हैं अधिक वजन, परिवार में डायबिटीज़ (Diabetes) का इतिहास, पीसीओएस, अधिक आयु में गर्भधारण और निष्क्रिय जीवनशैली। यदि समय पर नियंत्रण न किया जाए तो यह शिशु का वज़न बढ़ा सकता है, प्री एक्लेमप्सिया, प्रीमैच्योर डिलीवरी या सीज़ेरियन का खतरा बढ़ा सकता है। कई बार इसके स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, इसलिए ग्लूकोज़ टॉलरेंस टेस्ट जैसे नियमित परीक्षण ज़रूरी होते हैं।
इस वीडियो में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. त्रिप्ती शर्मा गर्भावधि मधुमेह के बारे में विस्तार से बताती हैं। वह इसके कारण, लक्षण, जोखिम कारक और जटिलताओं के साथ-साथ निदान और सुरक्षित प्रबंधन पर प्रकाश डालती हैं। डॉ. शर्मा आहार, व्यायाम और गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन के सुरक्षित उपयोग की जानकारी देती हैं। साथ ही वह आम भ्रांतियों को दूर करती हैं और सवालों के जवाब देती हैं जैसे क्या डायबिटिक माँ एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती है? क्या यह समस्या डिलीवरी के बाद चली जाती है? इसके लिए किस डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए? यह वीडियो गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों के लिए एक भरोसेमंद और जानकारीपूर्ण मार्गदर्शिका है।
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